विसौंनीमा सुस्ताउदै
कविता, गीत र समसामयिक विषयवस्तु
Saturday, May 5, 2012
शितल तिम्रो छहारीमा
मनको बह बिसाउदा
तिम्रो न्यानो काखमा बसी
ढुक्क संग निदाउदा
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